Mirage

Life ~ Mirage
~ A wasted illusion right from the start.
~ Hopeless romanticism of a hopeful heart.

Though the former is reality, I choose to live by the latter.

Saturday, April 28, 2012

अभिलाषा


*my first ever Hindi poem. It sort of has two meanings - one being told by an individual, the other by humanity (personification).


रोज़ शाम चौराहे पर
लौटते हुए, नाजाने क्यों
होता एक अजीब भ्रम, अहसास है
रौशनी, रंगत, चकाचौंध के बीच
दिखता मुझे एक अँधेरा कोना
खींचता जो अपने पास है

मन करता है बस एक बार
कुछ पल के लिए
खो जाऊं उस अँधेरे में
बस कुछ पल को
पाऊं खुद को हँसता हुआ
लालच, घृणा, मुखौटों से दूर
भीतर के डूबते सवेरे में

पर डर है रह जाऊं ना भीड़ में पीछे
काबू खुद पर आ जाता है
फिर रोज़ नाजाने क्यों लगता मुझको
उस घने अनजान अँधेरे में
आज भी जी रहा अंश मेरा आधा है

अधूरे सपने, भिखरी उम्मीदें,
सहनशीलता, करुणा,
दो लव्ज़ स्नेह के
बटोरे हुए

डरा हुआ, सहमा सा वो
हाथ फैलाए वहाँ रहता है
दबी हुई कराहती आशाएं लिए
दर्द से नम आँखों से
नाजाने क्या कहानी कहता है