Mirage

Life ~ Mirage
~ A wasted illusion right from the start.
~ Hopeless romanticism of a hopeful heart.

Though the former is reality, I choose to live by the latter.

Saturday, May 11, 2013

एक मुखौटा मेरा भी



~
धरती थी प्यासी
जी कर आया की ऐसे बरसें बादल
हो जाए तृप्त हर पत्ता पत्ता

आसमान खुला था
बिजली भी चमकी, और हवा भी आई
पर वक़्त आने पर
बादलों ने बरसने से मना कर दिया

अब बादलों ने बरसने से मना कर दिया
तो इस
अतृप्त प्यास को कहाँ से बुझाऊं


~
नाव चली थी छोटी सी मेरी
तूफ़ान से लड़ने
करने सामना हर मुश्किल का

नाव भी थी
सन्नाटा भी आया
पर वक़्त आने पर
तूफ़ान ने आने से मना कर दिया

अब तूफ़ान ने आने से मना कर दिया
तो इस
सन्नाटे में ध्वनि कहाँ से लाऊं


~
उतावले थे पाँव मेरे
घुंघरुओं की ताल पर थिरकने को
ऐसे नाचूं की झूम उठे जग सारा

मन भी था
संगीत भी आया
पर वक़्त आने पर
घुंघरुओं ने छमकने से मना कर दिया

अब घुन्ग्रुओं ने छमकने से मना कर दिया
तो इस
बावरे मन को किस ताल पर नचाऊं


~
रात थी दिवाली की
सैंकड़ों दीयों में एक दिया मेरा भी था
बेचैन था जो  जलने को, अँधेरा उजागर करने को

दिया भी था
दिवाली भी आई
पर वक़्त आने पर
लौ ने जलने से मना कर दिया

अब लौ ने जलने से मना कर दिया
तो इस
दिये में आग कहाँ से लगाऊं


~
अपार प्यास
गहरा सन्नाटा
टूटे घुंघरू
बुझा हुआ दिया
उम्मीद भी है, और हसरत भी
पर तकदीर ने बदलने से मना कर दिया
तो इस
मुख पर हंसी कहाँ से लाऊं


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